This post is first published here हिंसा और अहिंसा पर कविता :- हिंसा ने डाला है जब से जग में अपना डेरा on ApratimBlog.Com | Motivational Hindi Blog
हिंसा और अहिंसा पर कविता में हिंसा के दोषों का चित्रण करते हुए अहिंसा की श्रेष्ठता प्रतिपादित की गई है ।हिंसा मानवाधिकारों का हनन करती है और जीवों से उनका जीवन -अधिकार छीनती है ।यह ताकत के बल पर दूसरों को नुकसान पहुँचाने की प्रक्रिया है अतः सभ्य समाज में हिंसा के किसी भी रूप का समर्थन नहीं किया जा सकता है । अहिंसा का अर्थ है कि हम किसी को भी कष्ट नहीं पहुँचाएँ ।अहिंसा जीओ और जीने दो के सिद्धांत पर आधारित है और सभी से प्रेम करना सिखाती है । अहिंसा से ही समाज में शान्ति और
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Category : apratimblog,हिंदी कविता संग्रह